बेंगलूरू। देश का पहला हल्का लड़ाकू "तेजस" विमान शनिवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और एयर चीफ मार्शल अनुप राहा को सौंप दिया गया है। परियोजना मंजूर होने के 32 साल बाद देश में विकसित किया गया (एलसीए) "तेजस" का इस्तेमाल अब आखिरकार भारतीय वायुसेना कर सकेगी।
एलसीए-एसपी1 ने पहली बार अक्टूबर 2014 में उड़ान भरी थी। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक ये विमान दो महीने पहले ही बनकर तैयार हो गया था। पर्रिकर ने दिसंबर 2014 में लोकसभा में कहा था कि एलसीए मार्च तक आएगा। यह उस परियोजना के तहत देश में ही विकसित लड़ाकू विमानों को सेना में शामिल किए जाने की प्रक्रिया की शुरूआत है। इस प्रक्रिया में पहले ही तकरीबन 17,000 करोड़ रूपए की लागत आ चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि दूसरे शुरूआती परिचालनात्मक मंजूरी के बाद भारतीय वायुसेना को पहला एलसीए सौंपा जा रहा है, जिसका मतलब है कि तेजस विभिन्न स्थितियों में उड़ाने भरने में सक्षम है। तेजस को पहली शुरूआती परिचालनात्मक मंजूरी जनवरी 2011 में दी गई थी। इस विमान का निर्माण हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने किया है।
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तीन दशक बाद वायु सेना को मिला पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान "तेजस" - Finally India gets the Light Combat Aircraft `Tejas` -Patrika.com
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